कृत्रिम बुद्धिमत्ता का शोध क्षेत्र (Research Area of Artificial Intelegence)
कृत्रिम बुद्धिमत्ता
का क्षेत्र काफी विस्तरित है, हम Artificial Intelligence कुछ आम
और सफल क्षेत्रों का परिचय देते हैं.
स्पीच और वोईस रिकग्निशन (Speech and Voice Recognition)
यह दोनों शब्द रोबोटिक एक्सपर्ट सिस्टम (Robotic Expert System)
और प्राकृतिक
भाषा प्रसंस्करण (Natural Language Processing) में आम हैं. यद्यपि
इन शब्दों को एक दूसरे के स्थान पर काफी प्रयोग किया जाता है, फिर भी इसके
उद्देश्य काफी अलग-अलग हैं.
Speech Recognition
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Voice Recognition
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स्पीच रिकग्निशन का उद्देश्य उसको समझना
और जानना है की क्या बोला गया.
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वोईस रिकग्निशनका उद्देश्य उसको पहचानना
है की कौन बोल रहा है.
यह किसी व्यक्ति की उसके स्वर, आवाज के
स्तर, गहराई और उच्चारण आदि से पहचान
करना है.
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मशीन को स्पीच रिकग्निशन करने के लिए किसी तरह के प्रशिक्षण की जरूरत
नहीं होती है क्योंकि यह वक्ता पर निर्भर नहीं होती है.
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वोईस रिकग्निशनका सिस्टम को प्रशिक्षण
की जरूरत होती है क्योंकि यह व्यक्ति उन्मुख है.
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कौन बोल रहा है इससे स्वतंत्र स्पीच रिकग्निशन सिस्टम को विकसित
करना अभी कठिन है.
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कौन बोल रहा है इसपर आश्रित स्पीच रिकग्निशन सिस्टम
को ज्यादा आसानी से विकसित किया जा सकता है.
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स्पीच और वोईस रिकग्निशन सिस्टम की कार्यप्रणाली
उपयोग कर्ता का इनपुट जिसे माइक्रोफोन पर
बोला जाता है वह सिस्टम के साउंड कार्ड पर जाता है. जहां कंवर्टर बोली गई बात के
एनालॉग संकेतों को समतुल्य डिजिटल संकेतों में
बदल देते हैं. एक डाटाबेस का उपयोग पहचाने जाने योग्य शब्दों के ध्वनि पैटर्न की
तुलना के लिए किया जाता है. अंततः डाटाबेस से एक
प्रक्रिया वापस दी जाती है.
यह स्रोत-भाषा डाटा किसी अनुवाद प्रणाली
का इनपुट बन जाता है, जो कि उसे target language
text में
बदल देती है. यह इंटरैक्टिव जीयूआई (ग्राफिक यूजर इंटरफेस), शब्दावली के बड़े
डाटाबेस, आदी से समर्थित होता है.
अनुसंधान क्षेत्रों में Artificial Intelligence के वास्तविक जीवन के अनुप्रयोग
यहां अनुप्रयोगों की एक लंबी सूची है जहां
Artificial Intelligence आम लोगों के दैनिक जीवन में सहायक है.
·
विशेषज्ञ प्रणाली (एक्सपर्ट सिस्टम)-
फ्लाइट-ट्रैकिंग सिस्टम, क्लिनिकल सिस्टम.
·
नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग (प्राकृतिक
भाषा प्रसंस्करण)-भाषण मान्यता, स्वचालित
ध्वनि आउटपुट.
·
न्यूरल नेटवर्क (तंत्रिका तंत्र)- नमूने की पहचान के लिए,
·
पैटर्न रिकग्निशन सिस्टम - चेहरे की पहचान के लिए फेस रिकग्निशन, अक्षर
की पहचान के लिए करैक्टर रिकग्निशन, हस्तलेख
(लिखावट) की पहचान के लिए हैंडराइटिंग रिकग्निशन.
·
रोबोटिक-
परिवाहन, छिड़काव, चित्रकला,
सटीक जाँच, ड्रिलिंग, सफाई,
कोटिंग, नक्काशी आदि के लिए औद्योगिक रोबोट.
·
फजी लॉजिक सिस्टम- उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल,
आदि
Artificial Intelligence के कार्यों का
वर्गीकरण
Artificial Intelligence के
कार्यों का वर्गीकरण
·
औपचारिक कार्य (Formal tasks),
·
सांसारिक
कार्य (Mundane tasks), और
·
विशेषज्ञ कार्य (Expert tasks.) में
किया जाता है.
सांसारिक कार्य
(Mundane Task)
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औपचारिक कार्य
(Formal Task)
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विशेषज्ञ कार्य
(Expert Tasks)
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अनुभूति (Perception)
·
कंप्यूटर दृष्टिकोण
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बोलना
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सुनना आदी
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· गणित
· रेखागणित
· तर्क
· कलन/ समाकलन
आदि
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·
किसी मशीन में गलती खोजना,
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निर्माण करते समय निगरानी रखना आदि
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प्रकृतिक भाषा प्रसंस्करण
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समझना
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भाषा का विकास
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भाषा अनुवाद
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खेल- गो, शतरंज (डीप ब्ल्यू), चेकर
आदि
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वैज्ञानिक विश्लेषण
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व्यावहारिक बुद्धि
(Common Sense)
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सत्यापन करना (Verification)
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विश्लेषण करना (Analysis)
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तर्क करना (Reasoning)
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प्रमेय सिद्ध करना
(Theorem Proving)
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निदान
(Diagnosis)
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योजना बनना
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रचनात्मकता
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मानव सांसारिक कार्यों (mundane tasks) को अपने बचपन से सीखता है. वह देखते हुए, बोलते
हुए, भाषा का प्रयोग करते हुए, और व्यवहार करते हुए सीखता है. वह सांसारिक कार्यों
को सीखने के बाद औपचारिक और विशेषज्ञ कार्यों को क्रम से सीखता है.
जब सांसारिक कार्यों को मशीनों से करने
कोशिश की जाती है तब यही सत्य प्रतीत होता है की मानव के लिए सांसारिक कार्य को
सीखना आसान हैं. पहले Artificial Intelligence के सभी कामों को करने के लिए सांसारिक
कार्यक्षेत्र पर ध्यान दिया जाता है.
फिर, इसके बाद यह देखा गया है की मशीन को
सांसारिक कार्य करने के लिए ज्यादा और पेचीदा जानकारी की और जटिल कार्य योजना (एल्गोरिथम)
की जरूरत होती है. यही कारण है की क्यों अभी Artificial Intelligence विशेषज्ञ
कार्यक्षेत्र में ज्यादा सफल दिखती है, क्योंकि विशेषज्ञ ज्ञान क्षेत्र बिना व्यावहारिक
बुद्धि के कार्य करता है, जिसे आसानी से
संज्ञान में लाकर उसका समाधान निकाला जा सकता है.
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