Friday, December 18, 2015

बुद्धिमत्ता (Intelligence)

 बुद्धिमत्ता (Intelligence)

कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence) को जानने के लिए सबसे पहले यह भी समझना होगा की Intelligence (बुद्धिमत्ता) क्या है. इसके लिए  Intelligence (बुद्धिमत्ता)  क्या है, उसके प्रकार, और घटकों को सबसे पहले समझने का प्रयास करते हैं.

बुद्धिमत्ता (Intelligence) क्या है?

Intelligence (बुद्धिमत्ता) किसी प्रणाली की गणना करने, कारण को जानने, संबंध को समझने और विश्लेषण की योग्यता है, जिसे वह प्रणाली अनुभव से सीखती है, अपनी स्मृति में संग्रहित करती है और जरूरत के समय उसे पुनः प्राप्त करती है, समस्या का समाधान करती है, जटिल विचारों को समझती है, प्राकृतिक भाषा का धाराप्रवाह प्रयोग करती है, और नई स्थितियों को वर्गीकृत करते हुए, व्यापक बनाते हुए उसके अनुकूल तैयार होती है.

बुद्धिमत्ता के प्रकार

हॉवर्ड गार्डनर (Howard Gardner), एक अमेरिकी विकासात्मक मनोवैज्ञानिक, द्वारा किए गए वर्णन के अनुसार बुद्धिमत्ता भिन्न प्रकार से आती है -
बुद्धिमत्ता
विवरण
उदाहरण
Linguistic intelligence (भाषा संबंधी बुद्धिमत्ता)
बोलने, समझने, और स्वर विज्ञान (स्वरों की ध्वनि) तंत्र, वाक्य रचना (व्याकरण), और अर्थ विज्ञान (तात्पर्य) के उपयोग करने की क्षमता
व्याख्या करने वाला, भाषण देने वाला
Musical intelligence (संगीत संबंधी बुद्धिमत्ता)
ध्वनि का सृजन, उससे संवाद, और उसके अर्थ को समझना, ताल और अंतराल की समझ
संगीतकार, गायक, रचनाकार
Logical- Mathematical intelligence (तार्किक-गणितीय बुद्धिमत्ता)
तथ्यों और कृत्यों की अनुपस्थिति में संबंधों को समझना और उसका उपयोग जटिल और अमूर्त विचारों को समझना
गणितज्ञ, वैज्ञानिक
Spatial intelligence (स्थानिक / स्थान विषयक बुद्धिमत्ता)
विजुअल और स्थानिक जानकारी को समझना, उसे बदलना, और फिर से विजुअल इमेंज को निर्माण करना, बिना पूर्व संदर्भ के, त्रिआयमी (3-डी) छवियों का निर्माण, और उन्हें स्थानांतरित करना और घुमाना
मानचित्र पाठक (map reader), अंतरिक्ष यात्री, भौतिकविद
Bodily-Kinesthetic intelligence
शरीर के सभी अंगों या कुछ का प्रयोग कर समस्या का समाधान करना या किसी वस्तु पर नियंत्रण करना, शारीरिक प्रदर्शन पर पूर्ण और आंशिक नियंत्रण, और लक्ष्यों में बदलाव की योग्यता
खिलाड़ी/ नर्तक
Intra-personal intelligence (अंतरावैयक्तिक बुद्धिमत्ता)
खुद की भावनाओं, मंशा और इरादों के बीच भेद करने की योग्यता
दार्शनिक
Interpersonal intelligence (पारस्परिक बुद्धिमत्ता)
लोगों की भावनाओं, विश्वास और इरादों को समझना और उनके बीच भेद करने की योग्यता.
साक्षात्कार कर्ता,  भीड़ को  नियंत्रित करने वाला, नेतृत्वकर्ता
किसी मशीन या कोई सिस्टम (प्रणाली) में कृत्रिम बुद्धिमत्ता है  यदि वह किसी एक या अधिक बुद्धिमत्ता को अपने अंदर समाहित करती है.

किस चीज से बुद्धिमत्ता बनी है?

बुद्धिमत्ता  को कोई आकार नहीं दिया जा सकता है. यह निम्न से बनी है—
Ø  तर्क (Reasoning)
Ø  सीखना (Learning
Ø  समस्या का समाधान (Problem Solving)
Ø  धारणा बनाना (Perception)
Ø  भाषा संबंधी बुद्धिमत्ता (Linguistic Intelligence)

 तर्क (Reasoning )

 तर्क करना प्रक्रियाओं का वह हिस्सा है जो कि हमारे फैसले लेने, निर्णय करने, और अंदाज लगाने का आधार बनते हैं. यह मुख्यतः दो तरह की होती हैं-
·         विवेचनात्मक तर्क (Inductive Reasoning)- व्यापक बयान देने के लिए, यह विशिष्ट निगरानी रखाता है. बयान के सभी तथ्य सत्य प्रतीक होते हैं, प्रेरक तर्क निष्कर्ष के झूठा होने की अनुमति देता है. उदाहरण - " नीता एक शिक्षक है. सभी शिक्षक अध्ययनशील होते हैं. इसलिए नीता अध्ययनशील है"
·         निगमनात्मक तर्क (Deductive Reasoning)- यह एक सामान्य बयान के साथ शुरू होता है और एक विशिष्ट, तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए संभावनाओं की जांच करता है. यदि कुछ आम तौर पर सत्य है, यह उस वर्ग के सभी सदस्यों के लिए सत्य होगा. उदाहरण - "60 वर्ष से अधिक आयु की सभी महिला दादी हैं. शालिनी 65 वर्ष की है, इसलिए शालिनी दादी है."

सीखना (Learning) 

 यह अध्ययन करके, अभ्यास करके,  सीखकर या अनुभव करके ज्ञान को अर्जित करने की प्रक्रिया है. सीखना, अध्ययन के विषय के बारे में जागरूकता को बढ़ाता है. सीखने की क्षमता मनुष्यों, कुछ जानवरों, और Artificial Intillegence- सक्षम प्रणालियों में होती है. सीखने को वर्गीकृत किया गया है
·         सुनकर सीखना (Auditory Learning) – यह सुनकर सीखना है. उदाहरण के लिए, छात्र रिकॉर्ड किए गए ऑडियो व्याख्यान सुनकर सीखते हैं.
·         प्रसंग द्वार सीखना (Episodic Learning) − घटनाओं की श्रृंखला को याद रख के सीखना जिसका कोई गवाह रहा है या अनुभव किया है. यह रैखिक और व्यवस्थित सीखना है.
·         मोटर लर्निंग (Motor Learning) − यह मांसपेशियों की सटीक गतिविधियों से सीखना है. उदाहरण के लिए, वस्तुओं को उठाना, लेखन, नृत्य कि विशेष अदाएं आदि.
·         अवलोकन द्वारा सीखना (Observational Learning) − यह दूसरों को देखकर या उनकी नकल बनाकर सीखना है. उदाहरण के लिए, बच्चे अपने माता-पिता की नकल उतार कर काफी कुछ सीखते हैं.
·         अवधारणात्मक सीखना (Perceptual Learning) - यह उन परिस्थितियों से फिर से सीखना है जिन्हें पहले देखा या अनुभव किया जा चुका है. उदाहरण के लिए, वस्तुओं और स्थितियों का वर्गीकरण और उनकी पहचान करना.
·         संबंधात्मक सीखना (Relational Learning) यह उस सीखने को सम्मिलित करता है जो विभिन्न उत्तेजना में संबंधात्मक गुणों के आधार पर अंतर करता है, न की निरपेक्ष गुणों के आधार पर. उदाहरण के लिए, खाना बनाते समय आलू की सब्जी में कम नमक को डालना, जबकि पिछली बार एक चम्मच नमक डालने पर ज्यादा नमक हो गया था.
·         स्थान-विषयक (Spatial Learning) − यह दृश्यों के देखने के माध्यम से सीखना है जैसे, चित्र, रंग, नक्शा, आदि. उदाहरण के लिए, एक व्यक्ति सड़क पर चलने से पहले ही एक मानचित्र तैयार कर लेता है.
·         प्रोत्साहन-प्रक्रिया द्वारा सीखना (Stimulus-Response Learning) यह जब कोई निश्चित प्रोत्साहन मौजूद होता है तब एक विशेष व्यवहार के प्रदर्शन को करके सीखना है. उदाहरण के लिए, एक कुत्ते घंटी को सुन कर अपने कान उठाता है.

समस्या का समाधान करना (Problem Solving) 

समस्या का समाधान करना वह प्रक्रिया है जिसमें एक पहल करता है और वर्तमान स्थिति में कोई निर्णय लेते हुए एक समाधान पर पहुंचता है, जो कि ज्ञात और अज्ञात बाधाओं से अवरूद्ध है.
समस्या के समाधान में निर्णय लेना भी सम्मिलित होता है, जो कि सबसे उचित विकल्प का  अनेक दिए गए विकल्पों में से चयन करता है जिससे की उपलब्ध इच्छित लक्ष्य तक पहुंचा जा सके.

अनुभूति (Perception) 

यह संवेदी जानकारी को ग्रहण करने, व्याख्या करने, चयन करने, और व्यवस्थित करने की प्रक्रिया है.
अनुभूति या बोध संवेदनाओं को ग्रहण करता है. मानव अनुभूति को संवेदी अंगों या ज्ञानेंद्री की मदद प्राप्त करता है.  Artificial Intelligence में अनुभूति तंत्र, सेंसर द्वारा प्राप्त डाटा का सार्थक रूप से उपयोग करता है.

भाषा संबंधी बुद्धिमत्ता (Linguistic Intelligence) 

 यह मौखिक और लिखित भाषा को समझने, बोलने, और लिखने की योग्यता है. यह परस्पर संवाद में महत्वपूर्ण है.

मानव और मशीन बुद्धिमत्ता में अंतर

मशीनों नियमों और से अंदाज डाटा से अंदाज लगाती है जबकि मनुष्य पैटर्न (तरीकों) से अंदाज लगाता है.
मनुष्य किसी सूचना को पैटर्न (pattern) के रुप में संग्रहित कर है और याद करता है. मशीनें उसे सर्च एल्गोरिथम (search algorithm) के प्रयोग से करती है. उदाहरण के लिए, संख्या 40404040 को याद करना आसान है क्योंकि इसका पैटर्न आसान है.

मनुष्य पूरे प्रायोजन को समझ सकता है तब भी जब कुछ हिस्सा गायब या विकृत है; जबकि मशीनें वर्तमान में इसे सही ढंग से नहीं कर सकती हैं.

Wednesday, December 16, 2015

एक्सपर्ट सिस्टम (Expert System)

 एक्सपर्ट सिस्टम (Expert System)

एक्सपर्ट सिस्टम किसी Artificial Intelligence के प्रमुख शोध क्षेत्रों में से एक है. इसका सबसे पहले परिचय स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय, के कंप्यूटर विज्ञान विभाग ने कराया था.

एक्सपर्ट सिस्टम क्या है?

एक्सपर्ट सिस्टम कंप्यूटर applications है जिनको किसी विशेष क्षेत्र की जटिल समस्याओं को मानवीय बुद्धिमत्ता और विशेषज्ञता के समकक्ष हल करने के लिए विकसित किया जाता है.

एक्सपर्ट सिस्टम की विशेषताएं

·         उच्च कार्यदक्षता
·         समझ में आने वाला
·         विश्वसनीय
·         अत्यधिक उत्तरदायी
·         एक्सपर्ट सिस्टम की क्षमताएं
एक्सपर्ट सिस्टम में निम्न को करने की क्षमताएं हो सकती हैं:
·         सलाह देना
·         मनुष्य को निर्णय लेने में मदद करने या  निर्देशित करने में सहायक.
·         प्रदर्शन/ व्याख्या करना
·         समस्या को परखना और निदान करना
·         इनपुट की विवेचना करना
·         परिणामों की भविष्यवाणी
·         निष्कर्ष को न्यायोचित सिद्ध करना
·         किसी समस्या के लिए वैकल्पिक सुझावों को देना
यह अक्षम हैं
·         मानवीय निर्णायक की प्रतिस्थापना
·         मानवीय क्षमताओं को पाने में
·         अपर्याप्त ज्ञानाधार (knowledge base) के लिए सटीक निर्णय लेना
·         अपने स्वयं के ज्ञान (knowledge) को परिष्कृत करना 

एक्सपर्ट सिस्टम के घटक

एक्सपर्ट सिस्टम के घटकों में सम्मिलित हैं --
         ज्ञानधार (knowledge base)
         इंटरफ़ेस इंजन (interface engine)
         प्रयोक्ता इंटरफ़ेस (user interface)
हम इन्हें एक-एक करके देखते हैं

ज्ञानधार (knowledge base)

यह किसी कार्य क्षेत्र में विशेष और उच्च गुणवत्ता का ज्ञान होता है. ज्ञान (knowledge) की जरूरत बुद्धिमत्ता (intelegence) के प्रदर्शन के लिए होती है. किसी भी एक्सपर्ट सिस्टम की सफलता मुख्यतः बेहद सटीक और यथार्थ ज्ञान (knowledge) के होने पर निर्भर करती है.
ज्ञान (knowledge) क्या है?
यह भी डाटा तथ्यों का संग्रह है. किसी सूचना को डाटा और तथ्यों के रूप में किसी विशेष क्षेत्र या डोमेन के लिए व्यवस्थित किया जाता है. डाटा, सूचना और पिछला अनुभव एक साथ मिलकर ज्ञान (knowledge) का आधार बनते हैं.
ज्ञान आधार  के अव्यव
किसी एक्सपर्ट सिस्टम का ज्ञानधर तथ्यात्मक और अनुमानी दोनों ज्ञान का संग्रह हो सकता है.
तथ्यात्मक ज्ञान (Factual Knowledge) – यह वह जानकारी है जिसका उपयोग knowledge इंजीनियर और शोधकर्ता किसी कार्यरत डोमेन में करते हैं.
अनुमानित ज्ञान (Heuristic Knowledge) – यह किसी के द्वार सटीक निर्णय लेने, और मूल्यांकन करने और अनुमान लगाने की क्षमता का व्यवहारिक रूप से प्रदर्शित करता है .

ज्ञान का प्रतिनिधित्व (Knowledge representation)

यह किसी ज्ञान (knowledge) को व्यवस्थित कर उसे ज्ञानधर (knowledge base)  में  एक आकार देने  तरीका है. यह IF-THEN-ELSE नियम पर आधारित है.

ज्ञान अर्जन (Knowledge Acquisition)

किसी भी एक्सपर्ट सिस्टम की सफलता मुख्यतः उसके ज्ञानधार (knowledge base) में सूचना की गुणवत्ता, संपूर्णता, और  सटीकता के संग्रह पर निर्भर करती है.   
 ज्ञानधार (knowledge base) का निर्माण भिन्न विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं और knowledge इंजीनियर के द्वार की गए अध्ययन से होता है. knowledge इंजीनियर वह व्यक्ति होता है जिसमें सहानुभूति पूर्ण तरीके से तेजी से सीखने और परिस्थितियों का विश्लेषण करने की योग्यता होती है.
वह विषय विशेषज्ञ की कही बातों को सुनकर, उससे साक्षात्कार करके और कार्यक्षेत्र में उसके व्यवहार का अवलोकन  करके जानकारी को अर्जित करता है. वह फिर जानकारी और सूचनाओं को  वर्गीकृत करके अर्थपूर्ण व सार्थक तरीके से IF-THEN-ELSE के नियमों के तहत, इंटरफ़ेस मशीन की सहायता से व्यवस्थित करता है. Knowledge engineer एक्सपर्ट सिस्टम के विकास क्रम पर भी निगरानी रखता है.

इंटरफ़ेस इंजन

इंटरफ़ेस इंजन के द्वारा दक्ष प्रक्रिया और नियमों का अनुसरण सही और निर्दोष समाधान के लिए जरूरी है. 
ज्ञान (knowledge) पर निर्भर एक्सपर्ट सिस्टम के लिए, इंटरफ़ेस इंजन, ज्ञानधार (knowledge base) से ज्ञान (knowledge) को अर्जित कर और उसका उचित विश्लेषण करके के पश्चात किसी विशेष समाधान पर पहुंचता है.
नियम आधारित एक्सपर्ट सिस्टम के मामलों में यह
·         तथ्यों पर उन नियमों को निरंतर लागू करता है जिनका उपयोग पूर्व में भिन्न अनुप्रयोगों पर किया जा चुका है.
·         आवश्यकता होने पर नए ज्ञान को ज्ञानधार में सम्मिलित करता है.
·         उन विवादों का समाधान निकालता है जब किसी अनुप्रयोग में अनेक नियम टकराव करते हैं.
किसी समाधान को प्रस्तुत करते समय इंटरफ़ेस इंजन निम्न रणनीतियों का उपयोग करता है—
 Forward Chaining
Backward Chaining

Forward Chaining

यह एक्सपर्ट सिस्टम की रणनीति हिस्सा है की वह इस सवाल का जबाव दे सकें, “आगे क्या हो सकता है?”
अतः इंटरफेस इंजन शर्तों और निष्कर्ष के अनुक्रम का अनुसरण करता है और अंत में परिणाम का निष्कर्ष निकालता है. वह सभी तथ्यों और नियमों पर विचार करता है, और उनमें समाधान के लिए निष्कर्ष को निकालने चुनाव करता है.   
इस रणनीति का निष्कर्ष, परिणाम या निष्पादन पर कार्य करने के लिए उपयोग किया जाता है. उदाहरण के लिए, ब्याज दरों में परिवर्तन के आधार पर शेयर बाजार की स्थिति का पूर्वानुमान लगाना.  

Backward Chaining

इस रणनीति से एक्सपर्ट सिस्टम इस उत्तर को खोजने की कोशिश करता है की “यह क्यों हुआ?
वह जो पूर्व में हो चुका है इसके आधार पर इंटरफेस इंजन यह पता करने की कोशिश करता है की पूर्व में इस तरह के परिणामों के होने पर क्या हुआ था. इस रणनीति का उपयोग कारण और वजह को जानने के लिए किया जाता है. उदाहरण  के लिए, मानव शरीर में कैंसर के होने के कारण की जांच करना.

 प्रयोक्ता इंटरफ़ेस (User Interface)

प्रयोक्ता इंटरफ़ेस, एक्सपर्ट सिस्टम के उपयोगकर्ता और खुद एक्सपर्ट सिस्टम के बीच संवाद स्थापित करने का एक सशक्त माध्यम है. यह व्यापक रूप से प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण (नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग) है जिसे उस उपयोगकर्ता द्वारा प्रयोग में लाया जा सकता है जो की अपने नियत कार्य क्षेत्र से अच्छी तरह से वाकिफ है. एक्सपर्ट सिस्टम के उपयोगकर्ता के लिए यह जरूरी नहीं है की वह Artificial Intelligence (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) का विशेषज्ञ हो.
वह यह भी व्याख्या करता है की कैसे एक्सपर्ट सिस्टम किसी विशेष कार्य को प्रभावी रुप से करने में सहायक है. यह व्याख्या वह विस्तार से निम्न में से किसी एक या सभी तरह से कर सकता है--
·         स्क्रीन पर प्राकृतिक भाषा में नियमों, परिणामों या कार्यविधि को प्रदर्शित करते हुए.
·         स्वाभाविक भाषा में मौखिक रूप से नियमों, परिणामों या कार्यविधि की व्याख्या करते हुए.
प्रयोक्ता इंटरफ़ेस किसी काम को एक्सपर्ट सिस्टम की मदद से सहज रूप से करने में प्रभावशाली रूप से सहायक होता है.

प्रभावी एक्सपर्ट सिस्टम प्रयोक्ता इंटरफेस की जरूरतें

·         यह उपयोगकर्ता को लक्ष्य की प्राप्ति में संभावित संक्षिप्त तरीकों के उपयोग से मदद करता है.
·         इसको इस तरह से विकसित किया जाना चाहिए की वह उपयोगकर्ता की वर्तमान और इच्छित कार्य योजनाओं को पूरा करने में सहायक हो.
·         यह तकनीकी उपयोगकर्ता की जरूरतों को पूरा करने अनुकूल हो.
·         यह उपयोगकर्ता के द्वारा दिए गए इनपुट का प्रभावी उपयोग करता है.

एक्सपर्ट सिस्टम की सीमाएं

 कोई भी प्रौद्योगिकी आसान और पूर्ण समाधान प्रदान नहीं कर सकती है. बड़े सिस्टम महंगे होते हैं, और उन्हें विकसित करने में काफी समय और कंप्यूटर संसाधनों कि आवश्यकता होती है. एक्सपर्ट सिस्टम में उनकी सीमाएं हैं जिनमें सम्मिलित हैं-
प्रौद्योगिकी की सीमाएं
·         ज्ञान अर्जन (knowledge acquisition) कठिन है
·         एक्सपर्ट सिस्टम का रखरखाव कठिन है
·         उन्हें विकसित करने की कीमत अत्यधिक है

 एक्सपर्ट सिस्टम के अनुप्रयोग

नीचे दी गई सारणी दिखाती है की कहां एक्सपर्ट सिस्टम का प्रयोग किया जा सकता है.
अनुप्रयोग
विवरण
डिज़ाइन क्षेत्र (Design Domain)
औटो मोबाइल डिजाइन, कैमरा लैंस डिजाइन, मशीन डिजाइन
चिकित्सा क्षेत्र (Medical Domain)
रोग निदान प्रणाली जो कि रोगों का अंदाजा पूर्व में अवलोकित डाटा से  लगा सकें, मानव शरीर पर चिकित्सकीय आपरेशन कर सकें.  
निगरानी तंत्र (Monitoring Sustem)
किसी तंत्र के डाटा पर निरंतर निगरानी रखते हुए किसी भी गड़बड़ी का पूर्व अनुमान लगाना.
प्रक्रिया नियंत्रण तंत्र (Process Control System)
किसी भौतिक प्रक्रिया पर निगरानी बनाए रखते हुए नियंत्रण रखना. जैसे- यातायात नियंत्रण, डाक व्यवस्था, आदि.
ज्ञान क्षेत्र ( Knowledge Domain)
किसी प्रणाली में गलतियों को ठीक करते हुए अनुभव अर्जित करना.
वित्त/ वाणिज्य
(Finance/Commerce)
संभावित हेरा फेरी, धोखाधड़ी, शेयर बाजार, आदि पर निगरानी और भविष्य का पूर्वानुमान लगाना.

एक्सपर्ट सिस्टम तकनीकी

भिन्न स्तरों की एक्सपर्ट सिस्टम तकनीकी आज की तारीख में उपलब्ध है. एक्सपर्ट सिस्टम तकनीकी में सम्मिलित हैं
Expert System Development Environment – एक एक्सपर्ट सिस्टम विकसित करने के परिवेश में hardware और tools सम्मिलित होते हैं. जोकि हो सकते हैं-
·         वर्क स्टेशन, मिनी कंप्यूटर, माइक्रो कंप्यूटर, मेनफ्रेम.
·         उच्च स्तरीय सांकेतिक प्रोग्रामिंग  भाषा (High level Symbolic Programming Languages) जैसेकि  LIStProgramming (LISP) और  PROgrammation en LOGique (PROLOG).
·         Large databases
Tools – यह किसी एक्सपर्ट सिस्टम को विकसित करने में खर्च होने वाली कीमत और प्रयासों को सुलभ बना देते हैं. जिनमें सम्मिलित हैं-    
·         शक्तिशाली editors और debugging tool, multi-windows के साथ.
·         rapid prototype
·         model की Inbuilt definitions, knowledge representation, और inference design
Shells – एक shell कुछ नहीं बल्कि एक एक्सपर्ट सिस्टम है बिना knowledge base के.  यह एक developers को knowledge acquisition, inference engine, user interface, और explanation facility उपलब्ध करता है. उदाहरण के लिए Java Expert System Shell (JESS), एक्सपर्ट सिस्टम के विकास के लिए पूरी तरह से विकसित Java API उपलब्ध करते हैं. 

एक्सपर्ट सिस्टम का विकास: General Steps

 एक्सपर्ट सिस्टम के विकास की प्रक्रिया निरंतर चलने वाली है. किसी एक्सपर्ट सिस्टम के विकास के लिए निम्न कदम उठाने होते हैं-
समस्या की पहचान करें (Identify Problem Domain)
·         समस्या एक्सपर्ट सिस्टम द्वारा हल किए जाने के अनुकूल होनी चाहिए.
·         एक्सपर्ट सिस्टम के कार्यरत क्षेत्र के लिए विशेषज्ञों की पहचान करना.
·         प्रभावी लागत का आकलन करना.
सिस्टम को डिजायन करना (Design the System)
·         एक्सपर्ट सिस्टम तकनीकी की पहचान करें
·         अन्य प्रणालियों और डाट बेस केस के साथ समायोजित होने की संभावनाओं का जाने और उसे स्थापित करें.
·         यह अनुभव करें की किस तरह से यह अवधारणा कार्यक्षेत्र का उचित प्रतिनिधित्व कर सकती है.
प्रोटोटाइप विकसित करना (Develop the Prototype)
knowledge base से एक knowledge इंजीनियर निम्न पर काम करता है
·         विशेषज्ञ से domain knowledge को अर्जित करना.
·         उसका If-THEN-ELSE rules के अनुसार निर्धारण करना.
प्रोटोटाइप का परीक्षण और उसे परिष्कृत करना (Test and Refine the Prototype)
·         एक knowledge इंजीनियर कुछ नमूनों पर इस प्रोटोटाइप का परीक्षण करता है और उसकी प्रवीणता और कमी की जांच करता है.   
·         End users एक्सपर्ट सिस्टम के प्रोटोटाइप का परीक्षण करता है.
एक्सपर्ट सिस्टम  को विकसित करना और उसे पूर्ण करना (Develop and Complete the expert system)
·         एक्सपर्ट सिस्टम का परीक्षण और संवाद परिवेश के सभी तत्वों के साथ करें जिसमें अंतिम उपयोगकर्ता (end user), database, और अन्य information system सम्मिलित हो सकते हैं.
·         एक्सपर्ट सिस्टम के उचित Document तैयार करना
·         उपयोगकर्ता को एक्सपर्ट सिस्टम के इस्तेमाल के लिए प्रशिक्षित करना.
Maintain the एक्सपर्ट सिस्टम
·         knowledge base को up-to-date रखना निरंतर विश्लेषण करते हुए और update करते हुए.
·         अन्य सूचना प्रणालियों के साथ नए interfaces  को तैयार करना जिससे की उन्हें भी इसमें सम्मिलित किया जा सके.

एक्सपर्ट सिस्टम के लाभ

उपलब्धता - वह सॉफ्टवेयरों के बड़े पैमाने पर विकसित होने के कारण आसानी से उपलब्ध हैं.
कम उत्पादन लागत -  इसकी उत्पादन लागत उचित है. इससे यह उन्हें सस्ता बनाती है.
गति - वे काम को करने में तेजी देते है, और किसी काम को करने में अनावश्यक समय को कम कर देते हैं.
न्यून त्रुटि दर - एक्सपर्ट सिस्टम की गलती करने की दर मानवीय गलतियों की तुलना में कम है.
जोखिम को कम करना - एक्सपर्ट सिस्टम मनुष्य के लिए खतरनाक वातावरण में काम करने के जोखिम को कम कर देते हैं.

स्थिर प्रतिक्रिया - एक्सपर्ट सिस्टम  बिना परेशान हुए, थके हुए या तनाव के निरंतर काम कर सकते हैं.